Friday, June 15, 2012

ना पेटी बड़ा ना खोखा But सबसे बड़ा रुपैया!

ना पेटी बड़ा ना खोखा
But सबसे बड़ा रुपैया!



दुकानदार हो या फिर रिक्शेवाला
सबके जुबान पर मिलेगा:
भैया, छुट्टे हैं ना?

फोटोस्टेट हो या फिर “लुज़ वाटर
बिना छुट्टे हो जाओ “रिवर्स गियर
मेट्रो पे मांगोगे, “भैया एक ग्लास पानी देना
वो कहेगा, “भैया, छुट्टे हैं ना?”

फिल्मो में हीरो बोले,
चुम्मा चुम्मा दे दे!
यहाँ पे सभी कोई बोले,
छुट्टा छुट्टा दे दे!

कहते है, ऊपर वालेकी मर्ज़ी के बिना
हिलता नहीं एक भी पत्ता,
पर यहाँ तो एक सिक्के के बिना
क्रूर गर्मीमें ये प्यास हि नहीं मिटता!

ना हिरा ना मोती
ना सोना चाहूँ रे,
मैं तो भारत सरकारका
बस सिक्का मांगूं रे!

सन्दर्भ: नई दिल्ली मेट्रो इस्टेशन (बाराखम्बा रोड) पर पिने के लिए “ग्लास वाटर” माँगा तो दुकानदार ने छुट्टे ना होने की वजह से रु.२ का पानी देने से इंकार कर दिया। क्या करता, १५ रुपये की पूरी बोटल लेनी पड़ी!

P.S. पेटी is a Marwari jargon for Lakhs and खोखा is for Crores

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